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नज़्म ( जीवन अपना राज़ बता दें)

आज दिनांक २८.१.२४ को प्रदत्त स्वैच्छिक विषय पर प्रतियोगिता वास्ते मेरी प्रस्तुति
नज़्म ( जीवन अपना राज़ बता दें)

कितनी तक़लीफ़े दी हैं तू ने अय जीवन अपना राज़ बता दें,
है सोज़ भरा जीवन मेरा तू सोज़ भरा एक साज बजा दे।

तक़लीफ़ भरे इस जीवन मे कितने ही छोड़ गये  मुझको,
जो भी बेग़ाने हुए यहां  तू उनको एक आवाज़ लगा दे।

मै लाज भरी ग़म की बदली मै नाज़ क्या किसी को दिखाऊंगी,
मुझको तो गुरूर नहीं कोई, 'गर हो कोई तो उसे मिटा दे।

जाने क्या नाराज़गी है तेरी अय जीवन कुछ तो मुझे बता दे,
मैं यूं ही मिट न जाऊं कभी अय जीवन कुछ तो रहम दिखा दे।

न मैंने तुझसे कुछ चाहा  न किसी से मेरी कोई चाहत है 
अब चाहे तो कुछ रहम कर दे मुझ पर या फ़िर अपनी सामर्थ्य जता दे।

आनन्द कुमार मित्तल, अलीगढ़

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8 Comments

Mohammed urooj khan

29-Jan-2024 01:19 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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Gunjan Kamal

28-Jan-2024 09:33 PM

👌👏

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